Dil Ki Zubaan
Wednesday, July 13, 2011
सपने
खामोशी मे डूबी ज़िंदगी...
ना जाने किन खलयों मे..आँख ना खुला, बस आँसू बहा.
.सपनो की दुनिया..हक़ीक़त से बेहतर..
कुछ पल के लिए सही..सुकून यही
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